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17.3.19

“ वाह – वाह है ‘‘

( कवि श्री  श्रीकृष्ण शर्मा के मुक्तक - संग्रह  - ” चाँद झील में  ‘‘  से लिया गया है - लिया गया है - )








1.12.18

'' अतीत ''

 कवि श्री  श्रीकृष्ण शर्मा के मुक्तक - संग्रह - '' चाँद झील में '' से लिया गया है -




28.11.18

'' तर्क से परे ''

 श्री श्रीकृष्ण शर्मा के मुक्तक - संग्रह - '' चाँद झील में '' से लिया गया है -