यह कविता, श्रीकृष्ण शर्मा की पुस्तक - " अक्षरों के सेतु " ( कविता - संग्रह ) से लिया गया है -
पत्नी के प्रति
पहले पहल
जब तुम्हें देखा था ,
तुम एक गुलमोहर थीं !
फिर -
तुम पलास हो गयीं !
और अब -
सिर्फ़ एक सुगंध हो तुम ,
मेरे भीतर | **
- श्रीकृष्ण शर्मा
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संकलन - सुनील कुमार शर्मा
फोन नम्बर - 9414771867
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteधन्यवाद, आदरणीय आलोक सिन्हा जी |
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