यह गीत, श्रीकृष्ण शर्मा की पुस्तक - " बोल मेरे मौन " ( गीत-संग्रह ) से लिया गया है -
अँधेरे में हम
सच है, आज अँधेरे में हम !!
रचा कभी उजियारा हमने,
आज मानसी घेरे में हम !
सच है, आज अँधेरे में हम !!
जुगनू अब अम्बर हथियाए,
अंधों ने सूरज लतियाए,
बौने शीर्ष शिखर कब्जाए,
किन्तु जीत कर भी हम हारे,
उफ़, गूँगों-बहरों के द्वारे,
इस दुनियाबी खेरे में हम !
सच है, आज अँधेरे में हम !! **
- श्रीकृष्ण शर्मा
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संकलन: सुनील कुमार शर्मा
फोन नम्बर - 9414771867
बहुत सुन्दर रचना
ReplyDeleteआपका बहुत-बहुत धन्यवाद, आदरणीय आलोक सिन्हा जी |
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