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16.10.21

कवि नरेंद्र कुमार आचार्य की कविता - " थोड़ा सा जीवन कर ले हर कर्म "

 











थोड़ा सा जीवन कर ले हर कर्म 



क्या लेकर आए थे और क्या लेकर हम जाएंगे।
सिर्फ अपनी यादों का एहसास छोड़  जाएंगे।।
 
खाली हाथ आए थे हम खाली हाथ ही जाएंगे।
बस  प्यार  के  दो  मीठे  बोल  ही  ले  जाएंगे।।

तुम एक हाथ पकड़ोगे तो सो हाथ  जुड़  जाएंगे ।
तुम औरों के लिए जिओ वो तुमसे जुड़ जाएगा ।।

समय   करवट   लेता  है  अच्छे  दिन  भी  आएंगे।
हर काम को आसान अपनी मेहनत से बनाएंगे।।

एक दूजे की मुस्किलो में काम हम आएंगे।
आस पड़ोस में प्रेम का  माहौल  बनाएंगे।।

प्रेम   भाई  चारा   समाज   को   हम   दे  जायेंगे।
अपने को तो अपना समझे औरो को अपनाएंगे।

सब मिलकर साथ चले ऐसा पाठ पढ़ाएंगे।
हारे  हुए  का  हम  ऐसे  मनोबल  बढ़ाएंगे।

सारी पृथ्वी को हम कुटुंब अपना समझेंगे।
सब भाईचारे से मिलकर साथ हम  रहेंगे ।

ना होगा कोई छोटा बड़ा सबको दिखाएंगे।
ना होगी ऊंच नीच  इसका  भेद  मिटाएंगे ।

समाज   को   एक   नई  राह  हम  दिखाएंगे ।
राम राज्य से भी बडकर समाज हम बनाएंगे।

ऐसा  समाज  देखकर  राम  भी  हरसएंगे।
कलयुग में भी आदर्श समाज हम बनाएंगे।

अपने जीवन   में  भी  एक  आदर्श  अपनाएंगे ।
लोग याद करे या न करे एक मिसाल दे जाएंगे।

बहुत जीने में क्या रखा है   अच्छे  कर्म  हम  करेंगे ।
अपने सुखों को दूसरे के दुखो पर अर्पण हम करेंगे।

सबको अपना  मान  कर  ही  अपना  समझेंगे।
इससे बडकर और न कोई धर्म अपना बनाएंगे।

क्या लेकर आए थे और क्या लेकर हम जाएंगे।।  **

                                              - नरेंद्र कुमार आचार्य 

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संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर – 9414771867.


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