यह कविता , श्रीकृष्ण शर्मा की पुस्तक - " अक्षरों के सेतु " ( काव्य - संग्रह ) से लिया गया है -
औरत ( 1 )
फड़फड़ा रही है
कँटीले तारों में फँसी
घायल चिड़िया
बार - बार
उड़ने के लिए
चंद फूलों की खातिर |
उसके
रक्त - रंजित टूटे पंख
उड़ रहे हैं इधर - उधर |
फिर भी -
ताक में हैं ,
- कुछ गिद्ध | **
- श्रीकृष्ण शर्मा
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संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
सुन्दर रचना
ReplyDeleteधन्यवाद , आदरणीय आलोक सिन्हा जी |
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