शान हमारी हिंदी तब बनेगा भारत महान
धोती कुर्ता छोड़ जींस अपनाई।
छाछ लस्सी छोड़ कोला अपनाई।
अंग्रेजी को छोड़ क्यों न हम ।
विश्व में हिंदी की पहचान बनाए ।
सब अंग्रेजी के पीछे भागे ।
पागल है दीवानों जैसे ।
दीवानापन दिखाएँ हम ।
क्यों न हिंदी को आगे बढ़ाएँ।
बोली भाषा में हिंदी को अपनाए।
अपने मन में हिंदी को समाए।
और भाषा को जगह न दे हम ।
क्यों न हिंदी का गौरव बढ़ाएँ ।
जिसने हमको बोलना सिखाया।
जिसने है संस्कार दिया ।
अपने संस्कारों से ही यारो ।
देश अपना हिंदी भाषी कहलाया ।
उत्तर से दक्षिण तक फैलाए ।
हिंदी की अलख जगाए ।
क्षेत्रीय भाषाओं को छोड़ कर।
हिंदी से देश को एक बनाए ।
इन नेताओ के चक्कर में ।
अलग अलग बोली भाषा में ।
अपनी पहचान को भुलाए ।
क्यों ना एक अखंड भारत बनाए।
- नरेंद्र कुमार आचार्य
संखना टोंक
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संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
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