यह गीत , श्रीकृष्ण शर्मा की पुस्तक - " बोल मेरे मौन " ( गीत - संग्रह ) से लिया गया है -
उदास सुबह
मैंने सपने नहीं सजाये !!
जो भी हुआ , हुआ अनजाने ,
आँसू जो आँखों में आये !
मैंने सपने नहीं सजाये !!
जहाँ उदास सुबह बैठी थी ,
मैं जन्मा था उस आँगन में ,
किलकारी भरते अभाव थे ,
जहाँ गरीबी के दामन थे ;
कभी नहीं मन में आया था ,
कोई इस तम को उजराये ,
पर मैं बिखर गया जब तुमने ,
मेरे रिसते व्रण सहलाये !
मैंने सपने नहीं सजाये !! **
- श्रीकृष्ण शर्मा
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संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
धन्यवाद आदरणीय आलोक सिन्हा जी |
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