यह मुक्तक , श्रीकृष्ण शर्मा की पुस्तक - " मेरी छोटी आँजुरी " ( दोहा - सतसई ) से लिया गया है -
फागुनी मुक्तक
इस धूल के हर कन में , रंगों का जनम होता ,
फगुनौटी का हर झोंका , लगता है कि ' रम ' होता ,
बेहद सजी औ ' सँवरी मुद्रा लिए प्रणामी -
ये बगिया देख करके दुलहिन का भरम होता | **
- श्रीकृष्ण शर्मा
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संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
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