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23.3.21

कवि श्रीकृष्ण शर्मा का नवगीत - " तेरे बिन ओ मीता ! "

 यह नवगीत , श्रीकृष्ण शर्मा की पुस्तक - " एक नदी कोलाहल "  ( नवगीत - संग्रह ) से लिया गया है -















तेरे बिन ओ मीता !



आँखों में रात गयी ,

पथ तकते दिन बीता ,

तेरे बिन ओ मीता !


अंधकार के घर से 

सुबह निकल आयी है ,

पूरब ने कंधों पर 

रोशनी उठायी है ;


किन्तु दिखी नहीं कहीं 

सपनों की परिणीता !


इन्द्रधनुष थे लेकिन 

इंतजार में टूटे ,

कर डाले सारे सच 

उदासियों ने झूठे ;


शहर सभी सूना है ,

भरा - भरा मन रीता !  **


          - श्रीकृष्ण शर्मा 

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संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर – 9414771867.


2 comments:

  1. बहुत बहुत सुन्दर सराहनीय रचना

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    1. आपका ह्रदय से आभार आदरणीय आलोक सिन्हा जी |

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