किसानी
चली गयी मेरी जवानी
मगर चुकता नहीं
वो ब्याज
जो किसी दानव
की तरह
रोज खाता है
मेरी खुशियां
और ब्याज में
देता है
ऐसा ग़म
जिसको उठाकर
मेरे कांधे झुक
ग, ए है
और मैं।
निराश
होकर
देखता हूं
और सोचता रहता हूं।
चुकाने
के बारे में
जो गले का फन्दा
बनता जा रहा है **
- अभिषेक जैन
पथरिया दमोह
मध्यप्रदेश
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संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
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