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8.2.21

कवि संगीत कुमार वर्णबाल की कविता - " गुलाब "

 

















गुलाब 


मन  में छाया है गुलाब
अधरों पर खिला है गुलाब
घर घर में महक रहा गुलाब
फिर भी लोग दे रहें गुलाब

गुलाब को गुलाब की जरूरत नही
फिर भी गुलाब ले घुम रहे बजार 
उर में बयार ऐसा बहे की पास हो गुलाब
बाहों में आ जाए खिलके गुलाब।  **


            - संगीत कुमार वर्णबाल 
                          जबलपुर 

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संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर – 9414771867.

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