लिखे हो भले ही
लिखे हो
भले ही बेढ़ंग शब्द ,
या हो धुंधली तस्वीर सामने
लोग करने लगते हैं
टिप्पणियाँ अनदेखे, अनपढ़े अनजान से |
बधाई हो
शुभकामनाएँ भी
फेसबुक पेज पर,
हमें भी कहना पढ़ता है आखिर
शुक्रिया जी
बहुत बहुत धन्यवाद
आपका आभार
और ना जाने कितने शब्द
उन्हें मनाने के लिए
क्योंकि भले ना पढ़े?
हमारी रचना
किंतु तारीफ तो कर दी
इतना क्या कम है ?
हमारे लिए
हमारे संघर्ष के लिए | **
- अशोक बाबू माहौर
संपर्क -
ग्राम - कदमन का पुरा, तहसील अम्बाह, जिला मुरैना (मप्र) 476111
मो - 8802706980
संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
सुन्दर रचना
ReplyDeleteधन्यवाद आदरणीय आलोक सिन्हा जी |
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