यह कविता पवन शर्मा की पुस्तक - " किसी भी वारदात के बाद " से ली गई है -
क्यों नहीं आये पिता ?
जब भी
आते थे पिता
तब वह
समझ जाता
क्यों आयें हैं पिता
पिता एकाध दिन रहते
अक्सर रात को
खाना खाते - खाते
अपनी मंशा जाहिर कर देते थे
पिता के जाने के बाद
डूबा रहता वह
कई - कई माह
कर्ज में
तना रहता पत्नी का चेहरा
कई - कई दिनों तक
और वह
चुप रह आता
बाद में
जब भी आते पिता
उसके यहाँ
पढ़ डालते
पुराने अखबारों को
और पढ़ - पढ़ कर
लौट जाते
खाली हाथ
नहीं रहता तनाव
पत्नी के चेहरे पर
उसे अपना कद बहुत छोटा होता लगता
इन दिनों वह
छटपटाता रहता है
मन में उसके
भरी रहती बैचेनी
बहुत दिनों से
नहीं मिली खबर
गाँव की / माँ की
खेत , कुओं की
घर , मवेशियों की
वह बार - बार पूछना चाहता है पत्नी से
' क्यों नहीं आये पिता
कई दिनों से यहाँ ? ' **
-पवन शर्मा
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पता - श्री नंदलाल सूद शासकीय
उत्कृष्ट विद्यालय
जुन्नारदेव , जिला –
छिंदवाड़ा ( मध्यप्रदेश )
फोन नम्बर –
9425837079
Email – pawansharma7079@gmail.com
संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
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