यह नवगीत श्रीकृष्ण शर्मा की पुस्तक - " अँधेरा बढ़ रहा है ... " से लिया गया है -
ज्योति – गीत ( चार )
दिवाली के दीप जलाने वालों
के
कुछ दिनों पहले जलाये
दीप हमने ढेर सारे
रोशनी से भर गये थे
घर गली छज्जे दुआरे |
किन्तु वह सब रात भर का था ,
सच कहें तो बात भर का था |
ज़िन्दगी के सँग सुबह की
चूड़ियाँ जब कुनमुनायीं ,
जब कि पूरब के क्षितिज पर
धूप चढ़ कर गुनगुनायी |
बुझ गये वे दीप जिनने
रात भर अँधियारा झेले ,
जो कि निशि के राज्य में भी
सिर उठा कर थे अकेले |
जो गला कर नेह अपना ,
काँपती साँसें जला कर ,
दे रहे थे उजाला ,
सिर्फ कज्जल – धूम्र पाकर |
उन दीयों ने अन्त में
निज प्राण त्यागे ,
सूर्य के इस देश में
दीपक अभागे |
सब अँधेरे में अचानक खो गया
है ,
आज यह इंसान को क्या हो गया
है ?
क्या कहें ?
सच तो यही है –
जो जले ,
जिनने उजाला भी दिया ,
अँधियार में भी |
देश की ख़ातिर
जिए औ’ मरे जो ,
उन सब शहीदों की शहादत की
कथाएँ
विस्मरण के गाल में हैं |
स्वेद जिसका
ज़िन्दगी के मोतियों को आब
देता ,
वही हलधर ,
साँस लेता पतझरों में |
कर्म जिसका
सभ्यता को सूर्य – जैसी ताव
देता ,
उस भगीरथ की बसी दुनियाँ
उजड़ते और ढहते खंडहरों में |
पर ,
मुखौटे बाँध
सत्ता में विषैले नाग बैठे |
और पूजा घरों में
बहुरूपिये रख आग बैठे |
स्वार्थान्ध कुबेर
लक्ष्मी स्याह कर दासी
बनाये |
रक्त – प्यासे भेड़िये
हर भेड़ पर आँखें गड़ाये |
ज़िन्दगी
लाचार औ’ बेबस खड़ी ,
हैवानियत हँसती |
बढ़ रही हर चीज की क़ीमत ,
मगर इंसानियत सस्ती |
इसी से यह ग़रीबी , भुखमरी ,
बेरोजगारी है ,
कफ़न को नोंचने तक की बनी
नीयत हमारी है |
अगर अब भी
अँधेरे के लिए दीपक नहीं बन
पाये ,
नहीं इंसानियत के दर्द से
अब भी पिघल पाये ,
पतन की इन्तेहा यह देश को
बदनाम कर देगी ,
ये हालत हम सभी को विश्व
मेंगुमनाम कर देगी |
अँधेरा
बाहरी हो
या कि हो भीतर ,
हमें गुमराह करता है ,
कि हो इंसान कैसा भी
अँधेरे से सदा वह डरा करता
है |
इसी से –
- है तुम्हें सौगन्ध माटी की ,
- - नहीं सोना ,
- - जगे रहना ,
- - कि अपने गलत कामों से
- कभी बनना नहीं बौना ,
- - अँधेरे में नहीं खोना |
इसी से –
एक दिन केवल दिवाली को
जलाना दीपकों का है नहीं
काफी ,
जलो खुद , दूसरों को भी उजाला दो ,
- यही अब रह गयी है राह बस बाकी | **
- श्रीकृष्ण शर्मा
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संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर – 9414771867
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