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25.9.20

कवि श्रीकृष्ण शर्मा का नवगीत - " कौन बँटायेगा चिन्ता ? "

यह नवगीत , श्रीकृष्ण शर्मा की पुस्तक - " एक नदी कोलाहल " ( नवगीत - संग्रह ) से लिया गया है -


कवि 
श्रीकृष्ण शर्मा 









कौन बँटायेगा चिन्ता ?

 

एक ही दिशा अपनी

उसमें भी अंधकार ,

घबराकर एक हुए

घर , पौली और द्वार |

 

तय था यह पहले ही

अँधियारा होना है ,

सूरज के अस्थि – खण्ड

सारी रात ढोना है ;

 

फिर किस उजाले का ,

मन को है इंतजार ?

 

कौन बँटायेगा चिन्ता ?

सिर्फ़ है अकेलापन ,

दूर तलक फैला है

मरुथल –सा गूंगापन ;

 

सिर्फ याद पसरी है ,

आँगन में तन उधार | **

 

           - श्रीकृष्ण शर्मा 


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संकलन – सुनील कुमार शर्मा , जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर – 9414771867.






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