चायवाला
चायवाला लड़का अख़बार से था बेख़बर
उसे तो सिर्फ़ चाय बेचने से मतलब था।
भूख और ग़रीबी उसे विरासत में मिली थी
कहीं से भी वह स्कूल वाला लड़का नहीं लगा
चायवाला, अख़बार वाले लड़के से अनजान था
चायवाले के हिस्से में
खड़े रहने के लिये ज़मीन नहीं थी
इसलिये घूम-घूम कर वह बेच रहा था चाय
कल फिर नज़र आएगा चायवाला।
चाय के साथ कविता दे गया चायवाला
जैसे चाय के प्याले में चाय का पौधा। **
- अयाज़ खान
एमपी वार्ड 11
जुन्नारदेव 480551
ज़िला- छिन्दवाड़ा
मध्य प्रदेश
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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय
विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिला– सवाई माधोपुर ( राजस्थान ),फोन
नम्बर– 09414771867
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