पति-पत्नी
घर घर में होती एक बात
पति -पत्नी रहते एक साथ
बात बात में जाते उलझ
फिर भी दोनों रहते एक साथ
दोनों मिल जताते प्यार
गले से गले जाते मिल
घर घर में होती एक बात
कभी मिठा तो कभी खट्टा
दिन रूठते रात मनाते
नयन से नयन मिलाते
फिर मिल साथ बाते करते
एक दूसरे का हाल सुनाते
प्रेम पूर्वक संगीत सुनाते
घर घर में होती एक बात
जब श्रृंगार कर सजधज आती
अधरों पे मुसकान ले आती
नयनों पे काजल लगाती
माथे पे बिंदी सजाती
खुशियो की रौनक ले आती
उर में प्रेम की बयार बहाती
घर घर में होती एक बात
हर्ष विषाद चलता रहेगा
जीवन में स्नेह बढता रहेगा
दोनों मिल साथ रहेंगे
मरते दम तक एक रहेंगे
कभी न टूटेगा ये बंधन
बात बात में लड़ते रहेंगे
घर घर में होती एक बात
पति पत्नी रहते एक साथ **
- संगीत कुमार वर्णबाल
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संकलन – सुनील कुमार शर्मा ,
जवाहर नवोदय विद्यालय , जाट बड़ोदा , जिला – सवाई माधोपुर ( राजस्थान ) , फोन नम्बर
– 9414771867.
वाह, अच्छी कविता है... वर्णवाल जी को हार्दिक बधाई 🙏
ReplyDeleteधन्यवाद
Deleteआपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (30-08-2020) को "समय व्यतीत करने के लिए" (चर्चा अंक-3808) पर भी होगी।
ReplyDelete--
श्री गणेश चतुर्थी की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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धन्वाद
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