कवितांकुर
मन अंकित
तन पुलकित
पत्ता-पत्ता, चप्पा-चप्पा आनन्दित
दिल का हर कोना प्रफुल्लित।
सृजन के धरातल पर
कविता का बीज हुआ अंकुरित
तिमिर हरण को देखो क्षितिज पर
सूर्य हुआ उदित।
कण-कण गर्वित
तृण-तृण हर्षित
प्रकाश निर्झरित
हृदय मुदित
शब्द-शब्द सुरभित
कविताएँ विकसित।
मन झंकृत
तन पुलकित
अब कवितांकुर होगा पल्लवित
पुष्पित ! **
- अयाज़ खान
अयाज़ ख़ान
114 सग्गम
एमपी वार्ड 11
जुन्नारदेव 480551
ज़िला- छिन्दवाड़ा
मध्य प्रदेश
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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय
विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिला– सवाई माधोपुर ( राजस्थान ),फोन
नम्बर– 09414771867
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