अबका मौसम
मैंने जीए हैं मौसम हजार ..
ना रहा अब इनपे ऐतबार..
कुछ इस सावन को सिखलाओ..
अब का मौसम तुम लाओ .
ये झडी बरसती सावन की ..
लगाये आग उस मातम की..
इसे राज शीत का बतलाओ..
अब का मौसम तुम लाओ.
ये मगन फुहारे माहखाने में .
गिरे छलकते पैमाने में ..
इन्हें भी मतवाली बनवाओ ..
अब का मौसम तुम लाओ..
ये घटा आंगन में रहती है..
हर पल यूँ मुझसे कहती है..
इस आने वाले मौसम की. ..
सुहानी रूत तुम बन जाओ.. **
- योगेन्द्र सिंह
jnv swm
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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय
विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिला– सवाई माधोपुर ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867
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