हैरान हूँ परेशान हूँ
हैरान हूँ परेशान हूँ
मन मेरा खिन्न हुआ
शैतान अदृश्य बन भटक रहा
इधर-उधर वह मँडरा रहा
हैरान हूँ परेशान हूँ
किसे पहचानु अपना समझु
कोई न अब दिख रहा
हर राह काँटो से उलझा
मन मेरा बेहाल हुआ
हैरान हूँ परेशान हूँ
जीवन अब न सुगम रहा
हर कार्य बाधित हुआ
कुछ छूने से मन कतरा रहा
पर विवशता है छूना परा
हैरान हूँ परेशान हूँ
कोसो दूर से लोग आ रहें
फाइल सब पहुँचा रहे
बाधित हूँ, उसे प्राप्त किया
क्या है अदृश्य उसमे न जान सका
हैरान हूँ परेशान हूँ
काम मस्त हो, कर रहा हूँ
ईश्वर को ध्यान लगा बैठा हूँ
जो होगा सो हो के रहेगा
पेट के लिए तो काम करना ही पड़ेगा
हैरान हूँ परेशान हूँ **
- संगीत कुमार
जबलपुर
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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय
विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिला– सवाई माधोपुर ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867
अच्छा गीत
ReplyDeleteधन्यवाद
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