Followers

5.7.20

पवन शर्मा की लघुकथा - '' स्तर ''







                     स्तर

‘ देखिए , अब आप मेरा केस समझ ही गए होंगे | ’
‘ हाँ ... |’ वे ऐनक के भीतर से नजरें नीची कर फ़ाइल में कुछ लिखते हुए बोले |
‘ सचमुच , मैं बहुत परेशान हूँ | ’
‘ तो ? ’
‘ प्लीज ! ... हैल्प मी सर ! ’
वे कुछ नहीं कहते | फ़ाइल में कुछ लिखते रहे | वह मेज के सामने खड़ा था |
‘ जो बनेगा कर दूँगा | ’ वे सिगरेट का कश खींचते हैं और धुआँ छोड़ते हैं |
थोड़ी देर शांति छाई रही |
‘ आप नेहा के डैडी हैं न ? ’  वह बात जारी रखने के लिए बोला |
‘ हाँ | ’
‘ मैं विनोद हूँ ... नेहा का क्लासमेट | ’
‘ रियली ! ’
‘ यस सर | ’
‘ नेहा ने भी बताया था तुम्हारे बारे में ... कई बार ... मोस्ट ब्रिलिएंट ... स्कोलरशिप होल्डर ... वैरी गुड ! ’
‘ आपका आशीर्वाद है | ’
‘ खड़े क्यों हो भाई ... बैठो न | ’ वे कुर्सी की ओर इशारा करते हैं | वे सोचते हैं , उसकी ओर देखते हैं – क्या बुरा है विनोद ... नेहा और विनोद एक – दूसरे को चाहते भी हैं !
‘ मैं काम करवा दूंगा | ’
‘ थैक्यू सर ... मैं यहाँ किसी को जानता तक नहीं | चार दिन से चक्कर काट रहा हूँ | ’
थोड़ी देर खामोश रहने के बाद उन्होंने पूछा , ‘ घर में कौन – कौन हैं ? ’
‘ तीन छोटे भाई , एक छोटी बहन , पिताजी – माताजी औए मैं | ’
‘ पिताजी क्या करते हैं ? ’
‘ जी ... मिडिल स्कूल में हैडमास्टर हैं | ’
‘ हैडमास्टर ! ’
‘ यस | ’
‘ ओह | ’ वे सिगरेट के गुल को ऐश – ट्रे में झाड़ते हैं और फिर से फाइलों में खो जाते हैं |
अचानक वह कुर्सी पर बैठा – बैठा अपने में ही सिमट गया ! **



   - पवन शर्मा 
  
श्री नंदलाल सूद शासकीय उत्कृष्ट  विद्यालय ,
जुन्नारदेव  , जिला - छिन्दवाड़ा ( म.प्र.) 480551
फो. नं. - 9425837079 .
ईमेल – pawansharma7079@gmail.com





------------------------------------------------------------------------------------------------------------


संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिलासवाई माधोपुर  ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867

1 comment:

  1. लघुकथा प्रकाशित करने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद 🙏

    ReplyDelete

आपको यह पढ़ कर कैसा लगा | कृपया अपने विचार नीचे दिए हुए Enter your Comment में लिख कर प्रोत्साहित करने की कृपा करें | धन्यवाद |