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23.7.20

कवि संगीत कुमार - '' हे शिव शंकर ओढरदानी ''














हे शिव शंकर ओढरदानी 

हे शिव शंकर ओढरदानी 
पार्वती पति हरे हरे
गले में पहने सर्प माला 
गंगा जल जटा विराजे 
त्रिशूल धारी हर हर भोले
हे शिव शंकर ओढरदानी 
पार्वती पति हरे हरे

बसहा वाले भोले बाबा 
कृपालु जग के पालनकर्ता 
कष्ट रोग दोष को हरने वाले 
जटाधारी त्रि नेत्र वाले बाबा
देवों के देव महादेव बाबा 
हे शिव शंकर भोले बाबा
पार्वती पति हरे हरे

सबके दुःख को सुनने वाले 
रोग दोष को हरने वाले 
तांडव नृत्य दिखाने वाले 
पर्वत पर विराजने वाले 
भांग धतुर को खाने वाले 
हे शिव शंकर भोले बाबा 
पार्वती पति हरे हरे **


  - संगीत कुमार
  
           जबलपुर









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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिलासवाई माधोपुर  ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867

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