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15.7.20

पवन शर्मा की लघुकथा - ''आतंक ''

                    ( प्रस्तुत लघुकथा – पवन शर्मा की पुस्तक – ‘’ हम जहाँ हैं ‘’ से ली गई है )  


                                                                             



                                  आतंक


धीरे – धीरे मैं उसकी ओर बढ़ने लगा | वह बैंच पर अधलेटा , हल्की मुस्कराहट के साथ मुझे आता देखने लगा | मेरे नजदीक बैठने पर वह उठकर बैठ गया |
          ‘ आज काफी देर कर दी | ’
          ‘ आते–आते रास्ते में एक से मुलाकात करनी थी , सो देर हो गई |’ मैंने कहा और उसके नजदीक बेंच पर बैठ गया|
          ‘ किस सम्बन्ध में ? ’  उसने पूछा |
          मैं थोड़ा झिझका ,  ‘ बस , यों ही | ’
          ‘ फिर भी ? ’
          ‘ ऑफिशियल पर्पज से | ’
          ‘ क्यों ? ’
          ‘ क्योंकि अभी मैं जहाँ काम कर रहा हूँ , वहाँ मुझे पिछले कई दिनों से किसी – न – किसी बात पर , बिना वजह टोका जा रहा है ... कभी – कभी शो – काज नोटिस भी थमाई जा रही है | ’  मैं किसी अज्ञात आतंक से ग्रसित होने लगा |
          वह हँसा , बोला कुछ भी नहीं |
          ‘ और जब – जब मुझे टोका जाता है , या नोटिस थमाई जाती है , तब – तब मुझे अपनी नौकरी छूटती दिखाई देती है ... इस नौकरी की मुझे बहुत – बहुत जरुरत है | ’
          अबकी बार वह बहुत जोरों से हँसा और हँसते – हँसते बोला ,  ‘ लगता है – अब तुम भी घबराने लगे ... मुझे देखो... ! ’
          ‘ तुम्हारी बात दूसरी है | ’  बीच में ही मैं बोला |
          ‘ क्यों ? ’
          ‘ क्योंकि अभी तुम नौकरी से नहीं लगे हो ... और जब नौकरी से लग जाओगे , तब उसे चाहते हुए भी नहीं छोड़ सकते | ’
          ‘ ये बात नहीं है | ’
          ‘ फिर ? ’
          ‘ असल बात ये है कि ये पक्का नहीं होता कि एक नौकरी छूट जाने के बाद हमें कोई दूसरी नौकरी मिल ही जाएगी| ’
          ‘ हो सकता है | ’
          कुछ देर तक हम दोनों के मध्य ख़ामोशी छाई रही |
          ‘ कल मैं गाँव लौट जाऊँगा | ’  एकाएक उसने कहा |
          ‘ क्यों ? ’  मैं चौंका |
          ‘ महिना भर हो गया | अभी तक जूते घिस रहा हूँ | कहीं कोई गुंजाइश नहीं दीखती – यह भी नहीं कि कहीं जूठे बर्तन भी माँज सकूँ ... उसके लिए भी मेरा इतिहास पूछते हैं | ’
          पूर्व का वह आतंक पुनः मुझ पर हावी होने लगा | मुझे लगा कि धीरे – धीरे मैं भी उसकी ही स्थिति में आता जा रहा हूँ | **



 - पवन शर्मा 

पता

श्री नंदलाल सूद शासकीय उत्कृष्ट  विद्यालय ,
जुन्नारदेव  , जिला - छिन्दवाड़ा ( म.प्र.) 480551
फो. नं. - 9425837079 .
ईमेल – pawansharma7079@gmail.com




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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिलासवाई माधोपुर  ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867

1 comment:

  1. आभार और धन्यवाद सुनील जी

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