'' अपनी पीड़ाएँ हैं अनगिन,
मन में बलखाती है नागिन '' - डॉ. हरिप्रकाश जैन 'हरि '
शिवपुरी / / भारतीय साहित्य सृजन संस्थान, शिवपुरी द्वारा गत दिवस ( दिनाँक - 15 जुलाई 2020 ) अखिल भारतीय ऑनलाइन कवि सम्मेलन आयोजित किया गया , जिसकी अध्यक्षता डॉ. हरि प्रकाश जैन ' हरि ' ने की और उन्होंने अपनी सुमधुर वाणी में मंत्र मुग्ध कर देने वाला गीत गाया - " कितना तरसा चाँद रात भर, मधु रस छलकाने, सूने पन का गीत बाबरी राह लगी गाने " कवि सम्मेलन के मुख्य आकर्षण के रूप में शिवपुरी के वरिष्ठ साहित्यकार अरुण अपेक्षित ने अपनी शानदार प्रस्तुति एक गीतिका के माध्यम से देते हुए गाया - " पाषाणी तू शिला श्रृंखलाओं की जाई है " कवि सम्मेलन का प्रारंभ माँ सरस्वती की वंदना से हुआ जिसे गाया बिलासपुर छत्तीसगढ़ की कवयित्री गीता नायक 'गीत' ने | उत्तरकाशी की ज्योत्स्ना रतूड़ी ने समय का महत्व बताने वाली रचना - " समय देता है दस्तक एक बार " पढ़ी | भिंड के युवा कवि हेमंत जोशी 'नादान' ने चीन पर वार करते हुए सुनाया - " चीन तेरी हर चालाकी को, चकनाचूर करेंगे हम " | गुना से इंजी. शंभु सिंह रघुवंशी ने कथा प्रवचनों पर व्यंग्य रचना सुनाई - " संसार में बढ़ गए कथा वाचक, प्रवचन से रोटी नहीं मिलती " जबलपुर की राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका कु. चंदा देवी स्वर्णकार ने विरह गीत गाया - " तुमसे बिछड़े तो कितनी कमी रह गई, सूनी सूनी सी जिंदगी रह गई " | चित्रकूट उत्तर प्रदेश से अनुरंजना सिंह ने बदले हालात पर सवाल करती हुई रचना सुनाई - " दोस्तो जमाने को क्या हो गया " | भिंड से किशोरी लाल जैन " बादल " कहते हैं - " मनोबल बढ़ा है बादल, यही लक्ष्य हो हमारा " |बाराबंकी उत्तर प्रदेश से सुशील यादव ने सुनाया - " बढ़ती जाती है मंहगाई, पर बढ़ती नहीं कमाई " | बिलासपुर छत्तीसगढ़ से गीता नायक ' गीत ' ने अपनी ग़ज़ल सुनाई - " मुहब्बत है तो खुलकर दिल जरा इज़हार कर देना " "ख्वाब में ही सही आया जाया करो " ग्वालियर की पुष्पा मिश्रा ' आनंद ' ने शहीद को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए ये रचना पढ़ी -" मेरी आत्मा का टुकड़ा अब जाए रयो रे " अरनोद, प्रतापगढ़(राज.) के कवि कमलेश शर्मा ' कमल ' ने मृत्युभोज की कुप्रथा पर चोट करती हुई रचना - " मातम छा जाता उस घर में आँसू रुक ना पाते है, तेरहवीं पर सब समाज मिल मृतक भोज को खाते है " सुनाई। गुना से पण्डित सुदामा शर्मा ने बहुत सुंदर गीत सुनाया - " मुस्कुराता आईना मिलता रहे हर राह में " | दो घण्टे तक चले इस ऑनलाइन कवि सम्मेलन का सफल संचालन आदित्य शिवपुरी ने किया , जिसकी सराहना पटल पर उपस्थित हर रचनाकार ने की । डॉ. हरि प्रकाश जैन 'हरि' ने अध्यक्षीय उद्बोधन में वर्तमान माहौल में ऑनलाइन कवि सम्मेलन की उपयोगिता बताते हुए इसकी सराहना की और भारतीय साहित्य सृजन संस्थान के अध्यक्ष अवधेश सक्सेना और संचालक आदित्य शिवपुरी को बधाई देते हुए आभार माना, उन्होंने युवा पीढ़ी द्वारा हिंदी को समृद्ध करने में सक्रिय भूमिका निभाने पर खुशी जताई । भारतीय साहित्य सृजन संस्थान के अध्यक्ष इंजी. अवधेश सक्सेना ने सभी रचनाकारों और श्रोताओं का आभार प्रकट किया साथ ही रचनाकारों का उत्साहवर्धन कर रहे अरुण कुमार दुबे, सतीश कुमार दीक्षित, बसंत श्रीवास्तव का भी आभार माना । **
संकलन - कमलेश शर्मा '' कमल ''
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