धोखेबाज चीन
सारे पड़ोसी नाम के हैं, अच्छा न एक से नाता है ।
कितने घाव दिए हैं सब ने, अब सहा न जाता है।।
अपने पैसों से ही तो, इसका घर चल पाता है ।
चूजे का बच्चा देखो, शेर को आँख दिखाता है ।।
अब तो आग उगल दी तूने, कर ली हमसे गद्दारी ।
वीर जवानों का बलिदान, पड़ेगा तुझ पर भारी ।।
हद में रहो चीनी पिद्दों, औकात नहीं है तुम्हारी ।
पाक से बाद में निपटेंगे, अब पहले तेरी बारी ।।
चालबाज चीन तूने, शुरू किया नया बखेड़ा है ।
सन बासठ वाला समझ के, तूने हमको छेड़ा है ।।
शेर शहीद हुए हमारे, पर गीदड़ों नहीं छोड़ा है ।
जय हिंद के वीरो तुमने,चीनियों को बहुत खदेड़ा है।। **
कमलेश शर्मा "कमल"
मु. पो. अरनोद, जिला:- प्रतापगढ़ (राज.)312615
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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय
विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिला– सवाई माधोपुर ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867
सार्थक रचना।
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