आज भारत और पाकिस्तान तथा चीन के बीच में जो तनाव चल रहा है उस पर मेरी पंक्तियाँ। अगर मेरी ललकार दुश्मन देश तक पहुचे तो आशीर्वाद देना। जय हिंद, जय भारत, जय जवान |
ललकार
- कमलेश शर्मा "कमल"
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ललकार
दुश्मन देश के सुनले मेरी, छोटी सी ललकार ।
थाम ले अपने कदम नहीं तो, खायेगा फिर मार ।।
ये वो भारत नहीं रहा, जो गोली से डर जायेगा ।
आग से खेलनें वाला क्या, चिंगारी से डर पायेगा ।।
अगर मुँह की खानी हो तो, हो जा फिर तैयार ।
थाम ले ..............
बार बार सीमा पर हमसे, ऐसे ही उलझता है ।
कितनी बार समझाया सबने, फिर भी ना समझता है ।।
दम है तो घुसपैठ रोक कर, सामने से कर वार ।
थाम ले...........
कितने वीर शहीद हुए, चाहे हम भी हो जायेंगे ।
लाहौर क्या चीन में भी एक दिन, हम जन गण मन गाएंगे।।
उबल रहा है लहूँ हमारा, ले ली हाथों में तलवार ।
थाम ले..........
मातृभूमि की आन के आगे, जान की परवाह कौन न करे ।
नर क्या नारी ने काट के, थाल में अपने शीश धरे ।।
हिंदुस्तान की मिट्टी से कभी, पैदा होते नहीं सियार ।
थाम ले....…….
है माँ तेरे लालों ने, बांध लिया सर पे कफ़न ।
छोड़ेंगे ना दुश्मन को , कर देंगे उसको दफ़न ।।
अब " तिरंगा " लहरायेगा, हर चौखट घर द्वार ।
थाम ले.…….…**
मु.पो.-अरनोद, जिला:- प्रतापगढ़ (राज.)
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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय
विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिला– सवाई माधोपुर ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867
सार्थक रचना।
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