भ्रूण की आवाज़
मम्मी ! पापा से बोलो ना ।
थोड़ा-सा तुम भी रो लो ना ।।
बाहर की दुनियाँ कैसी है ?
दिखने में लगती कैसी है ?
मेरी नहीं तो अपने दिल की,
थोड़ी-सी धड़कन सुन लो ना।।
मम्मी ! पापा से बोलो ना ।।
थोड़ा-सा तुम भी रो लो ना ।।
तू ममता से भरी कहानी ।
मैं हूँगी तेरी गुड़िया रानी ।
इस गुड़िया के खातिर मम्मी
थोड़ा पापा से लड़ लो ना ।।
मम्मी ! पापा से बोलो ना ।
थोड़ा-सा तुम भी रो लो ना ।।
बदनसीब मैं हूँ इतनी क्या ?
थोड़ी दया न पा सकती क्या?
यदि कोई अपराध हुआ तो,
आकर मुझे भुगतने दो ना ।।
मम्मी ! पापा से बोलो ना ।।
थोड़ा-सा तुम भी रो लो ना ।।
तेरे आँचल की महिमा माँ ,
जान सकूँगी मैं कैसे माँ ।
तेरी गोदी में रह कर के ,
लोरी कुछ सुन लेने दो ना ।।
मम्मी ! पापा से बोलो ना ।।
थोड़ा-सा तुम भी रो लो ना ।।
मम्मी तुम्हीं बचा सकती हो ,
पापा को समझा सकती हो ।
तुम अपनी नारी शक्ति का ,
कोई नमूना दिखला दो ना ।।
मम्मी ! पापा से बोलो ना ।।
थोड़ा-सा तुम भी रो लो ना ।।
मैं तेरी साँसों में बसती ,
मैं आहों में तेरी मचलती ।
साँसों, आहों के बिन कैसे ,
जीओगी मुझसे बोलो ना ।।
मम्मी ! पापा से बोलो ना ।।
थोड़ा-सा तुम भी रो लो ना ।।
तुम अन्याय नहीं कर सकती,
क्यों अन्याय की भागी बनती।
कब तक तुम अन्याय सहोगी,
अपनी बंद जुबां खोलो ना |।
मम्मी ! पापा से बोलो ना ।।
थोड़ा-सा तुम भी रो लो ना ।।
मैं कमजोर अब नहीं पड़ूँगी ।
तेरी खातिर सब से लड़ूँगी ।
आँसू पोंछ न डर अब आजा,
मेरे संग जरा हँस लो ना ।।
मम्मी ! पापा से बोलो ना |I
थोड़ा-सा तुम भी रो लो ना ।। **
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