( कवि श्रीकृष्ण शर्मा के काव्य - संग्रह - '' अक्षरों के सेतु '' से लिया गया है )
टँगा है सूचनापट
' खतरा है आगे | '
नहीं है अब
सुरक्षित
बढ़ना
जंगल में
भीतर
नगर में
शोर है
गहमा - गहमी है
उष्णता शीत औ' नमी है
- ये सब : नहीं हैं
जंगल में
जंगल में
जंगल नहीं है
संग्रहालय में है अब
और संग्रहालय
नगर में
जंगल अब नगर में है | **
- श्रीकृष्ण शर्मा
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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय
विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिला– सवाई
माधोपुर ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867
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