वो आंखें
आज भी याद है वह आंखें मुझको ।
हो गई देखे एक जमाने तुझको ।।
ये दिल तेरा हो गया उसी दिन ।
तुझे मन में अपना बना लिया उसी दिन ।।
अपनी चाहत से ही दीदार करता हूं ।
हद से भी ज्यादा प्यार करता हूं ।।
तेरी हर वह लफजें स्वीकार करता हूं ।
आज भी लौटने का इंतजार करता हूं ।।
ये दिल सिर्फ तेरे नाम से धड़कती है ।
मेरी आंखें तुझे देखने को तरसती है ।। **
- नंदन मिश्रा
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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय
विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिला– सवाई
माधोपुर ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867
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