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28.6.20

कवि योगेन्द्र सिंहकी कविता - '' आप की खातिर ''





  










आप की खातिर

आप की खातिर. खुद को समझाया है. 
कुछ अपने सपने थे. कुछ अरमा को जगाया है.. 

मदहोशी के सागर में. प्रेम कश्ती को उतारा है.. 
इस मोह के बंधन को पतवार बनाया है... 

तुम्हें आना है. साथ मेरे. बहारों ने बुलाया है.. 
राहों में आने को फूलों को बिछाया है.. 

बादल को तुमने अपनी आँखों के शुरमे में लगाया है. 
सावन के झरोखों को. जुल्फों में बसाया है.. 

तुम अनन्य प्रेम मूरत. सुर अधरों पे सजया है.. 
साजो की मस्ती को. मधुर ताल बनाया है.. **



  - योगेन्द्र सिंह 
           jnv swm



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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिलासवाई माधोपुर  ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867

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