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26.6.20

कवि रामचन्दर '' आजाद '' की कविता - '' आज के नेता ''





       आज के नेता

ये चुनावी गीत है जी आप भी तो गाइए |
वोट हमें दीजिए और हमीं को जिताइए ||
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हम तुम्हारे हमदर्द व हम तुम्हारे सिरदर्द |
दर्द की दवा तो तुम  हमीं से ले जाइए ||
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रूपये ले लीजिये या कम्बल वसन लीजिये |
वोट देकर ये हिसाब जल्दी  से चुकाइए  ||
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घर तो हम बनायेंगे ही सड़क भी बनायेंगे |
टोल टेक्स देकर मोटर खूब तुम चलाइये ||
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सतयुग, द्वापर व् त्रेता में तो हमीं रहे |
कलयुग में अब हमसे नज़र ना चुराइए ||
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सपा में भी हमीं हैं और बसपा में हमीं हैं |
 भाजपा में  हमीं  फिर जनि  सकुचाइये ||
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तुम तो ‘आजाद’ जी हो हमरी बिरादरी के |
कुछ तो बिरादरी का फ़र्ज़ अब निभाइए || **



- रामचन्दर  '' आजाद ''





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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिलासवाई माधोपुर  ( राजस्थान 

),फोन नम्बर– 09414771867


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