बारिश
झमा झम बारिस बरसने लगी
मौसम सुहाना अब हो गया
धरती जल से तृप्त हुआ
पेड़ पौधा भी सिंचित हुआ
आसमान से अमृत गिरने लगा
प्यास सब का बुझने लगी
झमा झम बारिस बरसने लगी
गर्मी उमस सब दूर हुआ
मन शांत सा हो गया
बाग बगीचा सब गीला हुआ
पेड़ पौधा जल पी रहा
नदी नला सब भर गया
धारायें निर्मल बन बह रही
झमा झम बारिस बरसने लगी
प्यासे खेतों को पानी मिल गया
किसान भाई धानों को बोने लग गये
अब तो सब का मन प्रसन्न हुआ
गर्मी से छुटकारा मिल गया
आनन्द पूर्वक सब जीव-जन्तु जी रहा
आम खाने का मौसम आ गया
झमा झम बारिस बरसने लगी **
जबलपुर
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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास), जवाहर नवोदय
विद्यालय, जाट बड़ोदा, जिला– सवाई माधोपुर ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867
जी धन्यवाद
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