कारणवश
“
तुम्हारी
मृत्यु
कैसे हुई
? ” चित्रगुप्त जी
ने
पूछा ।
“
लॉकडाउन
में
बाहर निकलने पर | ''
“क्या
करने
गये
थे ? ”
“ जी घर
में
बैठे
बैठे बहुत
बोरियत
महसूस होने लगी तो
घूमने
निकल
गया
था
पर
कोरोना वाइरस
के
लपेटे में आ गया। ''
“
हाँ
तो
जब
सरकार
ने
बिना
आवश्यक
कार्य
के
घर
से
बाहर
निकलने
को
मना
किया
था
तो
सुना
क्यों
नहीं
? ” चित्रगुप्त
जी
को
उस
की
लापरवाही
पर
क्रोध
आ
गया
।
रजिस्टर
में
उन्होंने
मृत्यु
का
कारण
लिखा
स्वयं
की
लापरवाही
और
नियम
की
अवहेलना
की
वजह
से मृत्यु
प्राप्ति
।
“
तुम्हारी
मृत्यु
कैसे
हुई
? ” उन्होंने दूसरे
व्यक्ति
से
पूछा
।
“
वो
ही
लॉक डाउन
में
बाहर निकलने पर ''
“
अब
तुम
क्या
करने
गये
थे ? ”
“
कोरोना
पीड़ित
मरीजों
का
इलाज
कर
रहा
था, उन्हें
बचा
लिया
पर
खुद
को
नहीं
बचा
पाया | ''
चित्रगुप्त जी
ने
बड़े
आदर
के
साथ उसे
देखा
और
रजिस्टर
में
मृत्यु
का
कारण
लिखा - कर्तव्य
पालन
करते
हुए
मृत्यु
की
प्राप्ति
।
“
और
तुम्हारी
मृत्यु
कैसे हुई
?
”
“
जी
कारण
तो
वही
है , लॉकडाउन
में
बाहर
निकलने पर । ''
“
तुम
क्यों
बाहर
निकले ? ”
'' शहर
में
कोरोना फैलने की
वज़ह
से धंधा - पानी
सब
बंद
हो
गया था ,
बेरोजगार
हो
गये , रोटी
का
जुगाड़
करना
मुश्किल
हो
गया
था ,
भीख
मांगने
की
आदत
नहीं
थी , मेहनतकश
थे
तो
हम
कुछ
भाई
लोग अपने
गाँव, अपने
घर
जाने
के लिए
पैदल
ही
निकल गये थे
।
रास्ते
में
मालगाड़ी
केरूप में
आपके
स्वामी आये और
हमें
यहाँ ले आये !”
चित्रगुप्त जी
की
समझ
में
नहीं आया कि
मृत्यु
का
कारण
क्या
लिखे,
कोरोना, भूख, मजबूरी
या
मौत
का
क्रूर
मजाक, आखिर
क्या
?
कारण
कुछ
भी
हो,प्रवासी मजदूर थे,नियति
में
मरना
ही
लिखा था ! **
- सुषमा
सिंह चुण्डावत
उदयपुर,राजस्थान
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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय
विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिला– सवाई
माधोपुर ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867
अच्छी लघुकथा है. बधाई 🙏
ReplyDeleteशाश्वत सत्य।
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