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12.6.20

कवि रामचन्दर '' आजाद '' की कविता - ''कहूँ अलविदा ''











कहूँ अलविदा


कहूँ अलविदा कैसे समझ  कुछ  न  आए  ।
वो पल याद आए  जो तुम  संग  बिताए  ।।

तुम अनुचर समय के तुम सहचर समय के।
नहीं कुछ भी जीवन  में बढ़कर समय  से ।।
समय ने तुम्हें  आज  नव  पथ  दिखाए   ।।

नवोदय का कण कण, न भूलेगा हर क्षण  ।
किया  आपने  अपना  तन, मन  समर्पण।।
तुम्हारी अमिट छाप  सब  मन  पे  छाए  ।।

है  अपनी  कला  में  तुम  लहराए  परचम  ।
नई   कीर्ति    पाए,   नवोदय   ने   हरदम।।
जगह  तुमने  सब  के   दिलों  में  बनाए  ।।

करो  नाम   बनकर  के  औरों   के  संबल ।
खिले  फूल  खुशियों  के जीवन में हरपल।।
तुम्हारी   हंसी    देख   जग   मुस्कराए  ।। **


                                                         
रामचन्दर '' आजाद '' 
  टी जी टी  (हिन्दी)
                          










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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिलासवाई माधोपुर  ( 

राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867

                              

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