महाराणा प्रताप
अमीट स्याही से लिख दी गाथा , अपने ही बलिदान की ।
जय मेवाड़ के वीर प्रताप , जय - जय राजस्थान की ।।
जेष्ठ शुक्ल तृतीया को , हिन्दुआ सूरज का जन्म हुआ ।
उदयसिंह जयवंता के जाये ने, अजबदे से विवाह किया ।।
कुम्भलगढ़ , गोगुन्दा,चावंड, खमनोर भी वो निशानी है ।
हल्दीघाटी और दिवेर की , इतिहास में अमर कहानी है ।।
जलाल,मानसिंह,भगवानदास, टोडर,आये कई प्रस्ताव लिए।
सच्चे , शूरवीर , देशभक्त , योद्धा ने सब है ठुकरा दिए ।।
रक्त बहा था झालामान, राणा पुंजा, हकिम की छाती से ।
धन्य हुई मेवाड़ धरा भामाशाह , चेतक जैसे साथी से ।।
मातृभूमि की रक्षा के खातिर प्रण एक ऐसा लिया ।
छोड़ दिए सब राज - पाट , जंगल में पूरा जीवन किया ।।
प्राण दे दिए पर लाज रखी है, अपने हिन्दूस्तान की ।
जय हो महाराणा प्रताप , जय - जय राजस्थान की ।। **
अध्यापक
मु.पो.:- अरनोद, जिला:- प्रतापगढ़ (राज.)
मो.9691921612
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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय
विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिला– सवाई
माधोपुर ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867
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