प्रार्थना
हे परमपिता, हे माँ शारदा, मुझको ऐसा तुम वरदान दो ।
रुक न पाए कभी, कलम ये मेरी, मुझको ऐसा कोई ज्ञान दो।। 1
बन के तेरा उपासक,करूँ प्रार्थना, मेरी वाणी को न विराम दो
छूना चाहूँ गगन, तेरी छांव में, भावनाओं को वो आयाम दो।। 2
हे परमपिता……
शब्दों की माला ये, मुरझाए ना, चाहे जैसा तुम मुझे मान दो।
गीत गाता रहूँ, तेरे रात दिन, मेरे अधरों को वो सम्मान दो ।। 3
हे परमपिता………
ना कोई दुखी, ना कोई गम, सबके चहरों पे ऐसी मुस्कान दो।
चाहे देना मुझे, जो भी तुम प्रभु, मुझको कोई न अभिमान दो।। 4
हे परमपिता……
-कमलेश शर्मा " कमल "
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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय
विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिला– सवाई
माधोपुर ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867
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