तेरी दासी
कि मैं लिख दूँ दुनियां के सारे अल्फाज तेरी इनायत में .
ज़िससे तू खता ना करे मुझसे दूर जाने की..
मैं खुद को भी गिरवी रख दूँ इश्क के बाजार में .
तू बस कीमत बता तेरा हो जाने की.
मैं अपनी जुल्फों की छाँव दुंगी तुझे..
तू कोशिश तो कर इश्क की राहों में आने की.
मैं तुम्हें भगवान बनायें बैठी हूँ .
तू इजाजत तो दे तेरे मंदिर में आने की..
मैं जी भर के तेरा दीदार करुँगी ..
तू वो रुत तो ला सामने आने की..
तेरे हर कांटे को अपना बना लूँगी..
तू रहमत तो कर मुझे दासी बनाने की..
तेरी बातों के साथ मेरी हर सुबह और साँझ होगी..
तू प्रीत तो निभा अपना बनाने की..
मैं तेरे प्यार की झील बन जाउंगी .
तू बारिश तो कर मुझे भिगाने की.. **
- योगेन्द्र जाट jnv swm 2019
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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय
विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिला– सवाई
माधोपुर ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867
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