कभी हँसे कभी
रोयें और कभी मुस्कायें हम
जीवन पथ में आओ पग
पग पर फ़ूल खिलाएं हम
जुल्फें उनकी दामन
उनका और उनका ही साथ सनम
उनके पहलू में सर
रख कर निश्चिंत हो सो जाऐं हम
बचपन बीता आई
जवानी हरदम उनके साथ रहे
तुम्ही बताओ इस
आलम में और कहाँ अब जाएँ हम
हरदम हम तुम साथ
रहेंगे कभी ना बिछड़ेगे दोनोँ
आज चलो मिलकर के
दोनोँ ऐसी कसमें खाएं हम
कभी ना उतरे प्रेम
ख़ुमारी ऐसी आज पिला दो तुम
कुछ आँखों से कुछ
होठों से पीकर के तर जाएँ हम
हरदम वादा करते
हैं फ़िर तोड़ देते हैं उसे
झूठे वादों से
आख़िर पारस कब तक मन बहलायें हम **
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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय
विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिला– सवाई
माधोपुर ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867
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