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5.5.20

डॉ रमेश कटारिया ‘’ पारस ‘’ की ग़ज़ल - '' किसी की मेहरबानियाँ ''











किसी की मेहरबानियों  से नहीँ मिलता 

वो इतनी आसानियों  से नहीँ मिलता 

उससे मिलना है तो एक याचक की तरह आ 

वो राजा औऱ रानियों से नहीँ मिलता 

नहीँ मिलता किसी की होशियारी से पारसजी

वो किसी की नादानियों  से नहीँ मिलता 

निश्छल मन से आओगे तो मिल जाएगा तुझको 

वो किस्से औऱ कहानियों से नहीँ मिलता **


 - डॉ रमेश कटारिया ‘’ पारस ‘’






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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिलासवाई 

माधोपुर  ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867

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