बाहर कोरोना बैठा है
फस गया हूँ घोर संकट में, अब किस किस को समझाऊं ।
बाहर कोरोना बैठा है, घर में रहकर इसे भगाऊँ ।।
सर्दी खाँसी फ्लू जैसे, रोग भले ही मिल जाए ।
पर कोरोना सा रोग मिले न, लाख जतन मिट न पाए ।।
मास्क लगाकर सेनिटाइजर से, सबके हाथ धुला जाऊँ ।
बाहर कोरोना बैठा है, घर में रहकर दूर भगाऊँ ।।
रिश्ते नाते दोस्ती यारी, सभी दूर से रखने है ।
दो गज की दूरी से सारे, अपने ही तो बचने है ।।
चौथा लोकडाउन लग चुका है, कितना आगे इसको ले जाऊँ ।
बाहर कोरोना बैठा है, घर में रहकर दूर भगाऊँ ।।
14 दिन क्वारेंटाईन का पालन सभी को करना है ।
गर परेशानी कुछ हो तो ,
आइसोलेशन में रहना है ।।
डॉक्टर,पुलिस,सफाई वाले की सेवा कभी न भूल पाऊं ।
बाहर कोरोना बैठा है, घर में रहकर दूर भगाऊँ ।।
आवागमन की परेशानी को, भला सभी समझते हैं ।
गरीब मजदूर बेचारे , कितना अभी तड़पते है ।।
कोरोना योद्धाओं बिना, कैसे जंग में जीत पाऊं।
बाहर कोरोना बैठा है, घर में रहकर दूर भगाऊँ ।।
सब कुछ बंद पड़ा है बाहर, लगा सभी जगह ताला ।
धीरे धीरे छूट मिल रही, अभी खुली है मधुशाला ।।
कहे "कमल" कविराय सबसे, काम पड़े तो बाहर जाऊँ ।
बाहर कोरोना बैठा है, घर में रहकर दूर भगाऊँ।।
कमलेश शर्मा '' कमल '' कवि |
- कमलेश शर्मा" कमल"
मु. पो. - अरनोद,
जिला:-प्रतापगढ़ (राज.)
मो.9691921612
--------------------------------------------------------------------------------------------------------
संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय
विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिला– सवाई
माधोपुर ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867
No comments:
Post a Comment
आपको यह पढ़ कर कैसा लगा | कृपया अपने विचार नीचे दिए हुए Enter your Comment में लिख कर प्रोत्साहित करने की कृपा करें | धन्यवाद |