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21.5.20

कवि संगीत कुमार की कविता - '' जीवन जीना है अगर ''












जीवन जीना है अगर


तो सुख - दुःख को सहना होगा
अपनों को समझना होगा
परायों को परखना होगा
हर पल जीवन जीना होगा
जीवन जीना है अगर

कभी अमृत का पान
तो कभी हला का स्वाद चखना होगा 
हर वसंत में  बयार बन बहना होगा
प्रेम - संगीत  गुनगुनाना होगा 
जीवन जीना है अगर

स्नेह - लता हिया से लगाना होगा
स्वप्न -आश मन में जगाना होगा 
हर पल जीवन को समझना होगा
उर में सुगंधित बयार बहाना होगा
 जीवन जीना है अगर

कोई न हो  जग में पराया 
सबको स्वजन समझना होगा 
हर डगर पे सम्भल के चलना होगा
फूलों से राहों को सजाना होगा
 जीवन जीना है अगर

हर गम को खुशी में बदलना होगा
काँटे - भरे राहों को फूलों से सजाना होगा
विपदा में भी हर किसी को गले से लगाना होगा
तम को दूर भगा, नवज्योत जीवन में लाना होगा
जीवन जीना है अगर

प्रेम - आभा मन- मंदिर में जगाना होगा
सबके मन को बहलाना होगा 
धैर्य को हिया से लगाना होगा
नेह संचार प्राणों में लाना होगा 
 जीवन जीना है अगर

किसी को ऊँच - नीच न समझना है
सभी तो ईश्वर पुत्र मानव हैं
ईश्वर  गुण गाना है
सबको मिल - जुल इसी जग में तो रहना है
 जीवन जीना है अगर **


     
            -  संगीत कुमार 
                                  जबलपुर 








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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिलासवाई

 माधोपुर  ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867

                     
                          

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