भारत की चीख ..
आजाद हिन्द के ख्वावो का .
मैं सुनहरा महल बनाऊगाँ .
तुम अपनी - अपनी रजा पढो.
मैं गीत बहार के लाऊगा..
तुम मंजिल अपनी चमकाओ .
क्यों डरे हुए हो धुन्द तले..
क्या भूल गए तुम इस भारत को
ज़हा मुंड कटे और रूंड लडे.
बनाने दुल्हन आजादी को..
ज़हाँ भगत सिंह से सिंह खडे .
तुम एक वार पहल करो..
मैं तारे भी झुकवाऊगा..
उन दरबारों के कानों में ..
चीखें जब सुन जायेगी..
निर्भया अंजना भवॅरी सोम्या .
ये फिर ना दोहराई जायेगी..
ऐसा मुमकिन तब हो जब हर नारी
लक्ष्मी बाई बन जायेगी..
तुम कर्ज धरती का अदा करो.
मैं सूद समेत लौटाऊँगा ...
- योगेन्द्र जाट
जवाहर नवोदय विद्यालय ,
जाट बड़ोदा , जिला - सवाई माधोपुर ,
राजस्थान .
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