समझेंगे कहाँ बात वो पत्थर के सनम हैं
बे दिल बे ख़यालात वो पत्थर के सनम हैं
इस बात पे मैं उनकी करूँ कैसे भरोसा
चल देंगे मिरे साथ वो पत्थर के सनम हैं
सर को मैं पटकता भी भला कितना ज़मीं पर
बदलेंगे न हालात वो पत्थर के सनम है
बदलेंगे न हालात वो पत्थर के सनम है
कुछ प्यार में पाने की ललक टूट रही है
देंगे नहीं सौगात वो पत्थर के सनम हैं
देंगे नहीं सौगात वो पत्थर के सनम हैं
उम्मीद नहीं थी कि मुहब्बत में हमारी
तड़पेगी हरिक रात वो पत्थर के सनम है
तड़पेगी हरिक रात वो पत्थर के सनम है
यह कह के मिरे यार मुझे रोक रहे थे
गुम जायेगी औकात वो पत्थर के सनम है **
गुम जायेगी औकात वो पत्थर के सनम है **
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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय
विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिला– सवाई माधोपुर ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867
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ReplyDeleteशानदार
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