( कवि श्रीकृष्ण शर्मा
के नवगीत - संग्रह
- '' अँधेरा बढ़ रहा है '' से लिया गया है
)
ख़त
हर ख़त
जैसे -
दुख का रथ |
आँसू
हँसती आँखों में ,
पीड़ा लिये
ठहाकों में ,
कम्पित होंठ
गीत की गत |
हर ख़त ...
लकवा मारा
सपनों को ,
तेरहवीं क्या
दफ्नों को ,
लेकिन
इति ही
अब तो अथ
हर ख़त ...
- श्रीकृष्ण शर्मा
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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय
विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिला– सवाई माधोपुर ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867
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