कवि श्रीकृष्ण शर्मा के गीत
- संग्रह - '' बोल
मेरे मौन '' से लिया गया है -
नहीं कुछ होने वाला
नहीं , अब रहनुमाओं से नहीं कुछ होने वाला है ||
कि धोखेबाज - खुदगर्जों के सीने हो गये पत्थर ,
इबादत या सदाओं से नहीं कुछ होने वाला है |
नहीं अब रहनुमाओं से नहीं कुछ होने वाला है ||
मची जद्दोजहद है और अफरा और तफरी है ,
बड़ों को राजपथ , छोटों की गलियों किन्तु सँकरी हैं ;
बड़ों के लिए पौबारह हैं ,चौके और छक्के हैं ,
कि साधारण जनों को गम हैं , आँसू और धक्के हैं ;
चटख रंग ज़िन्दगी के आज मैले और फीके हैं ,
कि होते नित - नये ईजाद शोषण के तरीके हैं ;
यहाँ से वहाँ तक बहुरूपिये , ठग और हत्यारे ,
नहीं ख्वाजासराओं * से नहीं कुछ होने वाला है |
नहीं , अब रहनुमाओं से नहीं कुछ होने वाला है ||
- श्रीकृष्ण शर्मा
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* हरम का रखवाला हिजड़ा
संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय
विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिला– सवाई माधोपुर ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867
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