( प्रस्तुत कविता - '' सपनीली इच्छाएँ '' पवन शर्मा की पुस्तक -'' किसी भी वारदात के बाद '' से ली गई है )
सपनीली इच्छाएँ
हर महीने की पहली तारीख को
घर भर की आँखों में
सुनहरी चमक उभर आती है
मेरी आँखों में भी
साथ ही
कई प्रकार की इच्छाएँ
हर महीने की पहली तारीख को
दफ्तर से घर लौटते हुए
हमेशा सोचता हूँ
लानी है इस माह
अम्मा की नई साड़ी
दद्दा की ऐनक
छोटी बहन के लिए रोल्ड - गोल्ड के कंगन
और भी तो
कई - कई सपने देखते हैं हम सब
वे भी क्या पूरे के पूरे
सच होते हैं
सपने तो सपने ही होते हैं
याथार्थ तो यही है कि
अभावों की चादर
अनन्त तक फैली हुई है
मैं आज तक ये नहीं जान पाया ,
आख़िर
हमारी इच्छाएँ मर क्यों नहीं जाती !
- पवन शर्मा
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सपनीली इच्छाएँ
हर महीने की पहली तारीख को
घर भर की आँखों में
सुनहरी चमक उभर आती है
मेरी आँखों में भी
साथ ही
कई प्रकार की इच्छाएँ
हर महीने की पहली तारीख को
दफ्तर से घर लौटते हुए
हमेशा सोचता हूँ
लानी है इस माह
अम्मा की नई साड़ी
दद्दा की ऐनक
छोटी बहन के लिए रोल्ड - गोल्ड के कंगन
और भी तो
कई - कई सपने देखते हैं हम सब
वे भी क्या पूरे के पूरे
सच होते हैं
सपने तो सपने ही होते हैं
याथार्थ तो यही है कि
अभावों की चादर
अनन्त तक फैली हुई है
मैं आज तक ये नहीं जान पाया ,
आख़िर
हमारी इच्छाएँ मर क्यों नहीं जाती !
- पवन शर्मा
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कवि पवन शर्मा |
पता –
श्री नंदलाल सूद शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय ,
जुन्नारदेव , जिला - छिन्दवाड़ा ( म.प्र.) 480551
फो. नं. - 9425837079 .
ईमेल – pawansharma7079@gmail.com
संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिला– सवाई माधोपुर ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867
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