( कवि श्रीकृष्ण शर्मा
के काव्य - संग्रह
- '' अक्षरों के सेतु '' से ली गई 1979 की रचना )
'' लम्बे समय बाद बिटिया को देख कर ''
एक सहज सुख से आँखे भर आयीं ,
जब लम्बे अरसे बाद
तू घर आयी |
देखकर तुझे ,
मन
इतना तन्मय था
इतना चुप था
और इतना नम था
जैसे - सैकड़ों निर्झरों का उद्गम था |
इतने दिनों बाद
तुझे देखकर लगा , जैसे -
बन गया हो जेठ का आकाश
अषाढ़ी बादलों का सपना
अथवा
आत्मजात दूर्वा से
हो गयी हो काष्ठ - धरती
एक जीवित अल्पना |
- श्रीकृष्ण शर्मा
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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय
विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिला– सवाई माधोपुर ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867
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