( कवि श्रीकृष्ण शर्मा के नवगीत - संग्रह - '' बोल मेरे मौन '' से लिया गया है - )
'' कौन हो तुम ''
आज भी क्यों मौन तुम हो ?
क्यों उमड़ता दर्द मेरे वास्ते ही ?
जबकि मेरे बंद हैं सब रास्ते ही |
क्यों घुमड़ते आ रहे हो बादलों - से ?
तप रहे जब प्राण ज्यादा मरुथलों - से |
प्रीति बरसा क्यों रहे हो
जिन्दगी पर ?
नेह के जलधर ,
बताओं , कौन हो तुम |
आज भी जो मौन तुम हो !
आज भी क्यों मौन तुम हो ?
- श्रीकृष्ण शर्मा
**********************
www.shrikrishnasharma.com
shrikrishnasharma696030859.wordpress.com
संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिला– सवाई माधोपुर ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867
'' कौन हो तुम ''
आज भी क्यों मौन तुम हो ?
क्यों उमड़ता दर्द मेरे वास्ते ही ?
जबकि मेरे बंद हैं सब रास्ते ही |
क्यों घुमड़ते आ रहे हो बादलों - से ?
तप रहे जब प्राण ज्यादा मरुथलों - से |
प्रीति बरसा क्यों रहे हो
जिन्दगी पर ?
नेह के जलधर ,
बताओं , कौन हो तुम |
आज भी जो मौन तुम हो !
आज भी क्यों मौन तुम हो ?
- श्रीकृष्ण शर्मा
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संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिला– सवाई माधोपुर ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867
( कृपया इसे पढ़ कर अपने विचार अवश्य लिखें | आपके विचारों का स्वागत है| धन्यवाद | )
ReplyDeleteबहुत सराहनीय
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