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31.10.19

साँझ : पुनरावृत्ति अतीत की


कवि श्रीकृष्ण शर्मा के काव्य - संग्रह - '' अक्षरों के सेतु '' से ली गई 1966 की रचना )














साँझ : पुनरावृत्ति अतीत की 

फिर साँझ :
अँधेरे का आयतन बढ़ा प्रतिपल ,
सूरज जुगनू -  सा रेंग गया आँधियारे में 
मिट गई अकेली बची एक लाचार किरन ,
- कुछ कसक गया मन  में ,
- कुछ तन में कॉप गया |

दिन के कोलाहल में 
न सुन पड़ा था स्वर जो 
सुन पड़ा सौ गुना बड़ा कान में गूँज गया ,
- सौ गुना प्राण में गूँज गया ,
जो भीड़ - भाड़ के महासिंधु की गहराई में डूब था ,
- तिर आया है वह सूनापन ,
- मन का दुश्मन |

फिर साँझ :
दिवस की चहल - पहल को ठेल
उदासी घुस आई गलियारे में ,
औ ' बैठ गयी मेरे सम्मुख मेरे कमरे के द्वारे  में ,
मेरा एकाकीपन बढ़कर हो गया और सौ गुना बड़ा 
जिससे खोयापन और चिढ़ा ,
- कुछ खटक गया मन में ,
- शायद तन सूँघ अचानक साँप गया |

यह वर्तमान ,
हर क्षण अतीत में समा रहा ,
हर क्षण बीता पल और पास आ रहा ,
... पास आ रहा ... स्यात् यह दर्पण है ,
... यह दर्पण है ... गुजरे अतीत का ,
... उस अतीत का - 
जब हमने - मैंने - तुमने -
मिल कर सपनों के शिशुओं को था जन्म दिया ,
सबकी आँखों से छिप - छिप कर पाला उनको ,
मन के उन कोमल टुकड़ों को 
अपने स्नेह के सहज सपनीले मुखड़ों को 
धड़कन में बसा लिया ,
- जी भर कर प्यार किया |

पर जाने कब 
कैसे उनके तोतले भाव 
हम दोनों के अनजाने ही 
अस्फुट शब्दों में ध्वनित हुए ,
हम दोनों के अनजाने ही ,
जग की अभ्यस्त निगाहों ने 
दो जीवित स्वर पहचान लिए ,
हम दोनों के अनजाने ही षड्यंत्र रचे ,
जब तक होते सतर्क तब - तक हम अलग किये ,
दुधमुंहे और मासूम स्वप्न - शिशु विलग किये |

सूने एकाकी प्रहरों में 
उनके अबोध औ ' डूबे स्वर 
कर पार समय की दूरी जब - तब आते हैं 
- तब - तब मुझको बेहद उदास 
- बेहद अनमना बनाते हैं |

फिर साँझ :
अतीतों के तन में 
घुलता जाता है वर्तमान ,
दर्पण के सौ - सौ टूक प्राण में समा गये,
सुधियों के उस देश में छुटे शिशु - स्वप्नों के 
कोलाहल - भीड़भाड़ - हलचल को धकिया कर 
सौ गुनी शक्ति से स्वर कानों को गुंजा  गये 
- मेरा तन 
बीते के आँचल में फस गया ,
- कुछ सिसक गया मन में 
- स्मृतियों में खोया मैं  |

                            - श्रीकृष्ण शर्मा 
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shrikrishnasharma696030859.wordpress.com

संकलन - सुनील कुमार शर्मा, पी.जी.टी.(इतिहास),जवाहर नवोदय विद्यालय,जाट बड़ोदा,जिलासवाई माधोपुर ( राजस्थान ),फोन नम्बर– 09414771867
   

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